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Thursday, June 1, 2023

नौ दिवसीय पुण्या रामकथा

 

श्री सनातन धर्म सभा रबौण, सोलन में नौ दिवसीय पुण्या रामकथा का आयोजन किया गया । हजारों श्रद्धालुओं ने पुण्य कथा का आनन्द लिया ।कथा का पुण्य चरित्र गान गोवर्धन से आए डॉ. अशोक विश्वमित्र शरण जी जो विभिन्न पुराणों के प्रवक्ता, विश्रुत विद्वान व ख्याति प्राप्त साहित्यकार हैं ने अपनी ओजस्वी वाणी से किया ।आचार्य जी ने वर्तमान सन्दर्भ में सामाजिक सन्तोष व समरसता के लिए रामचरित को समझने व अनुकरण करने की आवश्यकता पर बल दिया ।राजधर्म, समाजधर्म,नैतिकता व भारतीय संस्कृति की पुनर्स्थापना के संस्कारों को जीवित करने पर बल दिया । व्यास जी के साथ आए संगीताचार्यों ने अपने कला कौशल से समस्त श्रद्धालुओं का भरपूर मनोरंजन किया तथा पूरे वातावरण को भक्तिरस से आह्लादित व रोमाँचित बनाए रखा । सभा के संस्थापक व संरक्षक स्वाधीन चन्द्र गौड ने कार्यक्रम की सफलता पर बधाई देते हुए समस्त श्रद्धालुओं से ऐसे पावन अवसरों का लाभ उठाकर पुण्य अर्जित करने का आह्वान किया ।सभा प्रधान डॉ. शंकर वासिष्ठ ने सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त  करते हुए भविष्य में भी इस परम्परा को बनाए रखने का विनम्र अनुरोध किया । सभा महासचिव डॉ. प्रेम गौतम ने सभा की विगत व भावी गतिविधियों से परिचित करवाकर सभा को और समृद्ध बनाने की अपील की । इस पावन अवसर पर हि़. प्र. विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त दूरवर्ती शिक्षा के निदेशक, ख्याति प्राप्त साहित्यकार डॉ. सारस्वत जी, डॉ. संगीता , प्रो. केशव शर्मा व पुराण वेत्ता ईशान जी को विशेषरूप से सम्मानित किया गया ।सभा के  पन्द्रह कर्मठ सदस्यों को रिटायर्ड लोकसम्पर्क अधिकारी शिव सिंह चौहान ने व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया तथा संस्था ने लगभग दो दर्जन महिलाओं को उनके सहयोग व समर्पण को देखकर सम्मानित किया । संस्था अब तक अठारह पुराण, कृष्णलीला, अनेंको विद्वानों के प्रवचन,भजन सन्ध्याएं व अन्य सॉंस्कृतिक, साहित्यिक कार्यक्रमों को करवा चुकी है ।नौ दिवसीय इस आयोजन में विशाल भण्डारे का प्रतिदिन प्रबन्ध किया गया था ।अन्नदान के इस महायज्ञ का हजारों श्रद्धालुओं ने आनन्द लिया ।

Monday, May 15, 2023

खाली भरे हाथ का विमोचन

 

सोलन जिला के साहित्‍यकार राम लाल वर्मा राही की
पुस्‍तक खाली भरे हाथ का विमोचन हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्‍यपाल श्री शिव प्रताप शुक्‍ल ने आज
किया। पुस्‍तक में 78 बोध कथाएं है । इन बोध कथाएं को आचार्य जगदीश चन्‍द्र मिश्र ने
हिन्‍दी में लिखा है और राम लाल वर्मा राही ने इसका पहाड़ी बोली क्‍यौंथली में अनुवाद किया है।  
 पुस्‍तक प्रेरक बोध कथाओं से परिपूर्ण है। पुस्‍तक
पठनीय और संग्रहणीय है।