डॉ. हेमराज कौशिक
जन्म : 9
दिसम्बर 1949 को
जिला सोलन के अंतर्गत अर्की तहसील के बातल गांव
में
पिता : श्री जयानंद कौशिक
माता : श्रीमती चिन्तामणि कौशिक,
शिक्षा : एमए. एमएड एम. फिल. पीएचडी हिन्दी),
व्यवसाय : हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में सैंतीस वर्षों
तक हिन्दी प्राध्यापक का कार्य करते हुए प्रधानाचार्य के रूप में सेवानिवृत्त
कुल प्रकाशित पुस्तकें : 17 मुख्य
पुस्तकें अमृतलाल नागर के उपन्यास, मूल्य और हिंदी उपन्यास
कथा की दुनिया एक प्रत्ययतीकन साहित्य सेवी राजनेता शांता कुमार साहित्य के आस्वाद
क्रांतिकारी साहित्यकार यशपाल और कथा समय की गतिशीलता पुरस्कार एवं सम्मान :
वर्ष
1991 के लिए राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से भारत के राष्ट्रपति द्वारा अलंकृत
हिन्दी
साहित्य सम्मेलन प्रयाग द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी की सतत उत्कृष्ट एवं समर्पित
सेवा के लिए सरस्वती सम्मान से 1998 में राष्ट्रभाषा सम्मेलन में अलकृत
आयर्स
गिल्ड ऑफ हिमाचल (पंजी.) द्वारा साहित्य सृजन में योगदान के लिए 2011 का
लेखक सम्मान,
भुट्टी
दर्ज कोमेटिव सोसाइटी लिमिटिड द्वारा वर्ष 2018 के वेदराम राष्ट्रीय
पुरस्कार से अलंकृत, कला, भाषा,
संस्कृति और समाज के लिए समर्पित संस्था नव प्रयास द्वारा धर्म
प्रकाश साहित्य रतन सम्मान 2018 से अलंकृत
मानव
कल्याण समिति अकी,
जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश द्वारा साहित्य के
लिए अनन्य योगदान के लिए सम्मान
प्रगतिशील साहित्यिक पत्रिका इरावती के द्वितीय
इरावती 2018
के सम्मान से अलंकृत
काव्य
मंच रामपुर,
उत्तर प्रदेश का वर्ष 2019 के लिए 'डॉ. रामविलास शर्मा राष्ट्रीय सम्मान दिव्य हिमाचल के प्रतिष्ठित सम्मान
हिमाचल एक्सीलेंस अवार्ड' 'सर्वश्रेष्ठ साहित्यकार सम्मान 2019
2020 के लिए अलकृत और हिमाचल प्रदेश सिरमौर कला संगम द्वारा डॉ.
परमार पुरस्कार से सम्मानित
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